वॉशिंगटन: अमेरिकी नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि चीन की नौसेना ताइवान को ब्लॉक करने में सक्षम है। दुनिया में तेजी से बढ़ रही चीन की नौसेना के आकार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने ये चेतावनी दी है। अमेरिका की सातवीं फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल कार्ल थॉमस ने द वॉल स्ट्रीट जर्नल के साथ एक खास बातचीत में ये बात कही। उन्होंने कहा, 'उनके (चीन) पास एक बहुत बड़ी नौसेना है और अगर वह ताइवान के पास जहाजों को परेशान करना चाहें तो वह बहुत कुछ कर सकते हैं।' पिछले महीने अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन ने आक्रामकर रुख दिखाया था। चीन ने ताइवान के करीब सैन्य अभ्यास किए थे। सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि चीन ताइवान को छह जोन से घेर कर ही घुटने पर ला सकता है। दशकों से अमेरिका ने ताइवान को लेकर अपनी रणनीति छिपा कर रखी है। लेकिन रविवार को प्रसारित एक इंटरव्यू में राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिकी सेना उसकी रक्षा करेगी। नैंसी पेलोसी के लिए क्यों लिया घुमावदार रास्तास्पीकर नैंसी पेलोसी को ले जाने वाला अमेरिकी नौसेना का विमान एक घुमावदार रास्ते से ताइवान पहुंचा था। ऐसा क्यों हुआ इस बारे में पूछे जाने पर एडमिरल थॉमस ने कहा कि ये फैसला हाई लेवल पर लिया गया था। उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता था कि चीन का रिएक्शन क्या होगा। क्योंकि चीन पहले से ही आक्रामक था। हम तैयार थे, लेकिन किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए हमने ये कदम उठाया।' पेलोसी की यात्रा के बाद चीन ने बड़े पैमाने पर अपनी नौसेना के जरिए ताइवान को घेर लिया। हथियारों से लैस हैं चीन के टापूताइवान के करीब उठाए कदम को देख कर एडमिरल कहते हैं कि चीन लगातार दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता रहा है। वहां उसने कई टापू बनाए हैं। जिनका पूरी तरह सैन्यीकरण हो चुका है। इन टापुओं पर जरूरत के मुताबिक उनके पास बंकर हैं, उनके पास ईंधन हैं। इन टापुओं पर मिसाइल, रडार और सेंसर हैं। एडमिरल ने कहा कि चीन तेजी से अपनी नौसेना में नए-नए जहाज शामिल कर रहा है, जबकि अमेरिका के पास इतने शिपयार्ड नहीं हैं। एडमिरल ने आगे कहा कि उन्हें नहीं पता कि चीन ताइवान पर हमला करेगा या ब्लॉक करेगा, लेकिन वह दोनों के लिए तैयार हैं।
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