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Saturday, June 3, 2023

जब सैंथिया में बिछी थीं लाशें और कोलकाता में रैली कर रही थीं ममता... बीजेपी ने उस रेल हादसे की दिलाई याद

कोलकाता: ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। उनसे नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग की जा रही है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अश्विनी वैष्णव के बीच मौतों के आंकड़े को लेकर कहासुनी भी हो गई। बालासोर में घटनास्थल पर गईं ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उन्होंने सुना है कि 500 लोगों की मौत हुई। इस पर रेल मंत्री ने उन्हें तुरंत टोका और आधिकारिक मौतों का आंकड़ा बताया। इसके बाद अब बीजेपी ने ममता बनर्जी को सोशल मीडिया पर घेरना शुरू कर दिया है।बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने एक इंग्लिश न्यूज रिपोर्ट की क्लिप शेयर की है। यह 2010 में हुए सैंथिया ट्रेन हादसे के दौरान की वीडियो है। इसमें बताया गया है कि जब सैंथिया में रेल हादसा हुआ था उस वक्त ममता कोलकाता में एक पॉलिटिकल रैली कर रही थीं।

बीजेपी- टीएमसी का ट्विटर वार

दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर सवाल उठाते हुए रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग की है। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने रेल मंत्री का एक वीडियो शेयर किया। इसमें वह कवच टेक्नॉलजी के बारे में बता रहे हैं।इसमें अश्विनी वैष्णव कह रहे हैं कि कवच एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन टेक्नॉलजी है। दो ट्रेन अगर गलती से एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं तो कवच उस पर ब्रेक लगा देगा और ट्रेन रुक जाएगी। इससे ऐक्सिडेंट नहीं होगा।अभिषेक ने ट्वीट पर लिखा, '1000 से अधिक परिवार सदमे में हैं क्योंकि रेलमंत्री ने कवच टेक्नॉलजी को सुनिश्चित करने के बजाय इन नौटंकियों का सहारा लिया। अगर बीजेपी में जरा सी भी जवाबदेही बची है तो अश्विनी वैष्णव को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।'

बालासोर में ममता ने क्या कहा था?

ममता बनर्जी बालासोर में हादसे वाली जगह पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि हादसे में मरने वालों की संख्या 500 से अधिक हो सकती है। इस पर अश्विनी वैष्णव ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए कहा ओडिशा सरकार के आंकड़ों के अनुसार मरने वालों की संख्या 238 है।इसके बाद सीएम ममता ने रेल मंत्री को जवाब देते हुए कहा, 'वह कल का आंकड़ा था। अभी तीन डिब्बों का रेस्क्यू पूरा नहीं हुआ है इसलिए मरने वालों की संख्या बढ़ेगी।' इसपर अश्विनी वैष्णव ने दोबारा उन्हें टोका और कहा कि सभी डिब्बों में रेस्क्यू पूरा हो चुका है।

ममता के कार्यकाल में हुए थे रेल हादसे

ममता ने यह भी कहा कि एक्सप्रेस ट्रेनों में टक्कर रोधी (एंटी कोलिजन) डिवाइस फिट नहीं थी, जिसके चलते यह हादसा हुआ। उन्होंने हादसे की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की। ममता ने अपनी ओर से रेलवे को सुझाव देने की पेशकश भी की।ममता बनर्जी दो बार केंद्रीय रेल मंत्री रह चुकी है। पहली बार वह 1999 से 2000 तक बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में रेल मंत्री थीं। दूसरी बार वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में साल 2009 से 2011 तक इस पद पर रहीं। ममता बनर्जी के दूसरे कार्यकाल में एक साल के अंदर ही 6 बड़े रेल हादसे हुए थे। एक नजर इन पर-19 जुलाई 2010- सैंथिया रेल हादसाउत्तर बंगा एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस के बीच भीषण टक्कर हुई थी जिसमें 63 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 150 से अधिक घायल हुए थे।28 मई 2010- ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस रेल हादसामाओवादियों के संदिग्ध हमले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पश्चिमी मेदिनीपुर में बेपटरी होकर मालगाड़ी से टकरा गई थी। हादसे में 143 की मौत हुई थी।16 जनवरी 2010-कालिंदी-श्रमशक्ति रेल हादसादोनों ट्रेनों की टक्कर में तीन की मौत हुई थी जबकि कई घायल हुए थे।2 जनवरी 2010- घने कोहरे की वजह से तीन ट्रेन हुए थे जिसमें 15 की मौत हुई थी।14 नवंबर 2009-दिल्ली से चलने वाली मंदौर एक्सप्रेस जयपुर के नजदीक बेपटरी हो गई थी जिसमें 7 की मौत हो गई थी।21 अक्टूबर 2009- गोवा एक्सप्रेस ने मेवाड़ एक्सप्रेस को टक्कर मारी थी जिसमें 22 की मौत हो गई थी।


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