बीजिंग: की अफवाह ने सोशल मीडिया पर तहलका मचाया हुआ है। लोग दावा कर रहे हैं कि राष्ट्रपति को नजरबंद कर दिया गया है। इस बीच राजधानी बीजिंग से पुलिस के नदारद होने पर कई सवाल भी उठ रहे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीनी सेना सार्वजनिक छुट्टियों के दौरान तख्तापलट की साजिश रच रही है। इसे 1 अक्टूबर को चीन के राष्ट्रीय दिवस से पहले गोल्डन वीक के दौरान अंजाम दिया जाना था। हालांकि, चीन में आजादी के बाद से तख्तापलट की कोई घटना नहीं हुई है, लेकिन शी जिनपिगं के तीसरे कार्यकाल और देश पर लगातार एक पार्टी के शासन से चीनी जनता भी त्रस्त है। बीजिंग में हालात सामान्य होने का दावा रूसी न्यूज एजेंसी स्पुतनिक ने दावा किया है कि बीजिंग में तनाव के कोई संकेत नहीं हैं। हर जगह लोग अपने दैनिक जीवन के बारे में जा रहे हैं। तियानमेन स्क्वायर पर भी लोग रोजमर्रा के काम में लगे हुए हैं। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने पर लोगों को बीजिंग में एक जगह से दूसरी जगह आने-जाने दिया जा रहा है। हवाई जहाज और ट्रेन की टिकट ऑनलाइन उपलब्ध हैं। हालांकि, छुट्टियों के कारण टिकटों की कीमतें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। कोई इंटरनेट या सोशल मीडिया ब्लैकआउट या टीवी शेड्यूल में बदलाव नहीं है। सेना के काफिले के वीडियो वायरल बीजिंग के हवाई अड्डे से आने-जाने वाली सैकड़ों उड़ानों को रद्द किया गया है। चीन का दावा है कि ऐसा कोरोना प्रतिबंधों के कारण किया गया है। चीन ने पहले ही कोरोना प्रतिबंधों के कारण लोगों की आवाजाही पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं। हालांकि, सेना के मूवमेंट पर कोई असर नहीं पड़ा है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने चीनी सेना के काफिले के वीडियो शेयर किए हैं। इनमें दावा किया जा रहा है कि चीनी सैन्य वाहन राजधानी बीजिंग की ओर बड़ रहे हैं। इन्हें बीजिंग के पास हुआनलाई काउंटी में देखा गया है। अफवाह यह भी है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कई नेताओं को पद से हटा दिया गया है।
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