न्यूयॉर्क : रूस और यूक्रेन के बीच जंग अपने सात महीने पूरे करने जा रही है। इस लंबे युद्ध ने रूस और पश्चिम के बीच तनाव को अपने चरम पर पहुंचा दिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कई बार अमेरिका और पश्चिमी देशों को परमाणु हमले की धमकी दे चुके हैं। बुधवार को पुतिन की धमकियों का जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन कहा कि रूस ने यूक्रेन के साथ 'क्रूर और बेवजह' युद्ध कर, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के 'मूल सिद्धांतों का शर्मनाक तरीके से उल्लंघन' किया है। इससे पहले पुतिन ने धमकी भरे लहजे में पश्चिम से कहा कि रूस अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा और 'यह कोरी बयानबाजी' नहीं है। संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन के दौरान बाइडन ने रूस के हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यूक्रेन में आम नागरिकों के विरुद्ध किए गए रूस के अत्याचार की 'रूह कंपाने वाली' खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से यूरोप पर परमाणु हथियारों से हमले की नई धमकी से पता चलता है कि रूस परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करने के बावजूद गैर जिम्मेदाराना तरीके से उसके प्रावधानों की 'धज्जियां उड़ा रहा है।' 'रूस के हमले के खिलाफ हम एकजुट'बाइडन ने कहा, 'हम रूस के हमले के विरुद्ध एकजुट होकर खड़े रहेंगे।' अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान ऐसे समय पर आया है जब पुतिन ने तीन लाख आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा की है। उन्होंने इसे जरूरी बताते हुए कहा कि रूस 'पूरी पश्चिमी सैन्य मशीनरी' से लड़ रहा है। पुतिन ने कहा कि विस्तारित सीमा रेखा, यूक्रेन की सेना द्वारा रूसी सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार गोलाबारी और मुक्त कराए गए क्षेत्रों पर हमलों के लिए रिजर्व से सैनिकों को बुलाना आवश्यक था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी सैन्य तैनाती द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहला मौका है, जब रूस इतनी बड़ी तादाद में सैन्य तैनाती करने जा रहा है। उनके इस फैसले से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। रिजर्विस्ट ऐसा व्यक्ति होता है जो 'मिलिट्री रिजर्व फोर्स' का सदस्य होता है। यह आम नागरिक होता है जिसे सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है तथा जरूरत पड़ने पर इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है। शांतिकाल में यह सेवाएं नहीं देता है।
from https://ift.tt/xIJ9Urp
No comments:
Post a Comment