उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में आज बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समन्वय बैठक हुईं. यह बैठक गाजियाबाद के नेहरू नगर में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर हुई. इसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह के अलावा संघ के ब्रज और मेरठ क्षेत्र के पदाधिकारी शामिल हुए.
सुबह 8:30 से शुरू हुई बैठक में करीब 11:00 बजे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे और 3:30 घंटे तक संघ के पदाधिकारी के साथ समन्वय बैठक में हिस्सा लिया. बैठक के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी मीडिया को नहीं दी गई लेकिन सूत्रों के अनुसार इस बैठक में करीब 1 घंटे तक मुख्यमंत्री ने अपने सरकार के कामकाज का जिक्र किया.
संघ से जुड़े एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि " बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इसमें कुंभ की सफलता, कानून व्यवस्था, संगठन का विस्तार, प्रदेश की राजनीतिक स्थिति और आने वाले कार्यक्रमों को लेकर चर्चा की गई. इसके अलावा प्रदेश में आने वाले समय में चुनाव के बारे में भी रूपरेखा तैयार की है."
अम्बेडकर का पूरा नाम उपयोग हो
एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, "बैठक में आरआरएस की तरफ से सुझाव दिया गया कि डॉ. भीमराव आंबेडकर के पूरे नाम “भीमराव रामजी आंबेडकर” का ही उपयोग किया जाए. आरआरएस का मानना है कि 'रामजी' शब्द को षड्यंत्रपूर्वक उनके नाम से हटा दिया गया था, जबकि उन्होंने संविधान पर अपने पूरे नाम से हस्ताक्षर किए थे."
बैठक में ये भी चर्चा की गईं कि अंबेडकर के नाम से पहले “आदरणीय”, “परम आदरणीय” या “पूजनीय” जैसे सम्मानजनक शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए. साथ ही, यह सवाल भी उठाया गया कि उनकी तस्वीरों में हमेशा नीला रंग ही क्यों दिखाया जाता है और क्या अन्य रंगों का प्रयोग संभव नहीं है. संघ ने इस पर विचार करते हुए अंबेडकर की तस्वीरों में विविधता लाने की बात कही.
अम्बेडकर जयंती धूमधाम से मनाने का फैसला
इसके अलावा, 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती को पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया. इस वर्ष, कार्यक्रमों में उनकी अलग-अलग छवियों और उनके संपूर्ण नाम के साथ उनके योगदान को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा.
इस बैठक के बाद करीब एक घंटे तक सीएम योगी, भूपेंद्र चौधरी, धर्मपाल सिंह और संघ की कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ अलग बैठक की गई. इस बैठक में आने वाले समय में मुद्दों को किस प्रकार से धार देना है और कैसे जनता की बीच जाकर सरकार के कामकाज को बताना है उसको लेकर भी चर्चा की गई. कुल मिलाकर 4:30 घंटे तक मुख्यमंत्री योगी संघ के पदाधिकारियों संग बैठे.
बैठक का मुख्य एजेंडा यह रहा कि संघ और सरकार के बीच में कैसे बेहतर समन्वय हो सके और सरकार के कामों का कैसे प्रचार प्रसार बेहतर तरीके से किया जाए.
इस बैठक में संघ के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे, जिनमें 6 राष्ट्रीय और 50 प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी शामिल थे. साथ ही, 36 अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधि भी इस चर्चा का हिस्सा बने. कुल मिलाकर करीब 228 लोग बैठक मौजूद रहे.
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